Sunday, July 27, 2008

आँख की (Sty)

इमली के बीज की गिरी को पत्थर पर चन्दन की तरह घिसकर गुहेरी (फुंसी) पर लेप करने से तत्काल ठंडक पड़ जाती हैं और कुछ ही घंटों में रोग का नामोनिशान तक नहीं रहता। इससे न केवल रोग बिल्कुल नष्ट हो जाता हैं बल्कि भविष्य में पुन: नहीं होता।

विशेष -
(1) इमली के बीज को प्रयोग में लाने से पहले तीन दिन पानी में भिगोकर छिलका उतारकर रख लेना चाहिए।
(2) बिच्छू के काटने पर छिलका उतार कर एक बीज का सफेद भाग पानी में घिसकर दंश स्थान पर लगा दें। लगाते ही बीज चिपक जायेगा और जहर चूसकर ही उतेरगा।

Saturday, July 26, 2008

आँखों का दुखना

चार ग्रेन (दो रत्ती) फिटकरी बारीक पीसकर तीस ग्राम गुलाबजल में धोलकर रख लें। ड्रापर द्वारा इस लोशन की दो-दो बूँद दिन में दो-तीन बार आँख में टपकाने से आँख का दर्द, लाली दूर हो जाती हैं और कीच या गींड़ का बहुत आना बन्द होगा। दुखती आँखों के लिए यह श्रेष्ट दवा हैं। यदि गुलाब जल न मिले तो उसकी जगह डिस्टिल वाटर या उबला हुआ पानी ठंडा किया हुआ इस्तेमाल किया जा सकता

लम्बे और रेशमी केशों के लिए केश-शैम्पू(केशों का सौंदर्य)

शिकाकाई और सूखा आँवला प्रत्येक 25-25 ग्राम लें। थोड़ा कूटकर दुकड़े कर लें। रात को इन्हें 500 ग्राम पानी में डाल कर भिगो दें। प्रात: इसे पानी को मसल कर कपड़े से छान लें और सिर पर मलें। दस-बीस मिनट बाद स्नान कर लें। इस प्रकार शिकाकाई और आँवलों के पानी से सिर धोकर और केश सूख्ने पर नारियल का तेल लगाने से केश लम्बें, घने, रेशम की तरह मुलायम और चमकदार हो जाते हैं।

विशेष -
गर्मियों में यह प्रयोग अनुकूल रहता हैं। इससे केश सफेद नहीं हो पाते और यदि होने लगें हो तो सफेद बाल काले हो जाते हैं।

बालों का गिरना

केशों के झड़ने या टूटने पर सिर में नींबू के रस में दो गुना नारियल का तेल मिलाकर उंगलियों की अग्रिम पोरों से आहिस्ता- आहिस्ता केशों की जड़ो में मालिश करने से आपके के झड़्नें बन्द हो जायेंगे। साथ ही केश मुलायम व सीकरी मुक्त हो जाएंगे तथा बालों से सम्बन्धित अन्य सभी रोग भी दूर हो जाएंगे।

विशेष -
खोपड़ी की खुश्की-रुसी की दशा में नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर रात में मंले और सुबह गुनगुने पानी से सिर धो लें। दो-चार करने से ही सिर की खुश्की और रुसी नष्ट हो जाती हैं।

सिर में रुसी य सीकरी (Dandruff)

नारीयल का तेल 100 ग्राम, कपूर 5 ग्राम दोनो को मिलाकर शीशी में रख लें। दिन में दो बार स्नान के बाद केश सूख जाने और रात में सोने से पहले सिर पर खूब मालिश करें। दूसरे ही दिन से रुसी( सफेद पतली भूसी की तरह) में लाभ प्रतीत होगा।

विशेष -

तोला एक कपूर लें, पाव नारियल तेल, शीशी में रख लीजिए और दोनो को मिला कर त्रिफला से सिर धोय कर तेल को लगा लें। इससे आपके सिर के केश नर्म हो जाएगें और सिर में ठंडक मिलेगी। इस तेल के प्रयोग से बालों मे जूं पैदा नहीं होती।

Friday, July 25, 2008

बालों का समय से पहले सफेद होना

एक चम्मच भार आँवला चूण दो घूंट पानी के योग से सोते समय अंतिम वस्तु के रुप में लें। असमय बाल सफेद होने और चेहरे की कांति नष्ट होने पर जादू का सा असर करता हैं। (साथ ही स्वर को मधूर और शुध्द बनाता है तथा गले की घर-घराहट भी इससे ठीक हो जाती है।)

(क) आँवला चूर्ण का लेप - सूखे आँवलों के चूर्ण को पानी के साथ लेई ( Paste) बनाकर खोपड़ी पर लेप करने तथा पाँच-दस मिनट बाद केशों को जल से धो लेने से बाल सफेद होने और गिरने बन्द हो जाते है। सप्ताह में दो बार, स्नान से पहले यह प्रयोग आवश्यकतानुसार तीन मास तक करके देखे।

(ख) आँवला-जल से सिर धोना सर्वोतम - सूखे आँवलों के यवकूट (मोटा-मोटा कूटकर) किए हुए टुकड़ो को 250 ग्राम पानी में रात को भिगो दें। प्रात: फूले हुए आवँलों को कड़े हाथ से मसलकर सारा जल पतले स्वच्छ कपड़े से छान लें। अब इस निथरे हुए जल को केशों को सादे पानी से धो डालिए। रुखे बालों को सप्ताह में एक बार और चिकने बालों को सप्ताह में दो धोना चाहिए। आवश्यकता हो तो कुछ दिन रोजाना भी धोया जा सकता है। केश धोने के एक घंटे पहले या जिस दिन केश धोने हों, उसके एक दिन पहले रात में आँवलों के तेल की मालिश केशों मे करें।

चक्कर आना (Vertigo or Giddiness)

सूखा आँवला (गुठली रहित) छ: ग्राम और धनिया (खुश्क दाना) छ: ग्राम लेकर अधकूट करके रात में मिट्टी के बर्तन में 250 ग्राम पानी में भिगो कें। प्रात: मसल छानकर एक-दो चम्मच मिश्री का चुर्ण मिलाकर पीने से तीन-चार दिन में सिर घूमना एंव चक्कर आने बन्द हो जाते हैं। इससे गर्मी के कारण होने वाला सिर दर्द मिटता हैं। इससे गर्मी या दिमाग की कमजोरी के कारण अकस्मात् आँखों के आगे अँधेरा छा जाने में आराम होता हैं।

विशेष-

आवश्यकतानुसार आठ-दस दिन तक लें। आधासीसी में भी आशातीत लाभ होता हैं।

आधे सिर का दर्द (आधासीसी)

गाय क ताजा घी सुबह-शाम दो-चार बूँद नाक में रुई से तपकाने से अथवा सूंघते रहने से आधासीसी की पीड़ा जड़ से आराम हो जाती है। साथ ही इसे नाक से खून गिरना भी जड़मूल से नष्ट हो जाता है। सात दिन तक लें।
विकल्प -
सिर के जिस तरफ के भाग में दर्द हो उस तरफ के नथुने में सात-आठ बूँद सरसो क तेल डालने अथवा सूघने से दर्द एकदम बन्द हो जाता है। चार-पाँच दिन तक दिन में दो-तीन बार सूंघने से कई बार दर्द सदा के लिए मिट जाता है।

Thursday, July 24, 2008

स्नायु संस्थान की कमजोरी ( Weak Nervous System)

बनारसी आँवले का मुरब्बा एक नग अथवा नीचे लिखी विधि से बनाया गया बारह ग्राम (बच्चो के लिए आधी मात्रा) ले। प्रात: खाली पेट खूब चबा-चबाकर खाने और उसे एक घंटे बाद तक कुछ भी न लेने से मस्तिक के ज्ञान तंतुओं को बल मिलता है और स्नायु संस्थान (Nervous System) शक्तिशाली बनता है।

विशेष-

(1) गर्मी के मौसम में इसका सेवन आधिक लाभकारी है। इस मुरब्बे को यदि चाँदी के बर्क में लपेटकर खाया जाय तो दाह, कमजोरी तथा चक्कर आने की शिकायत दूर होती है। वैसे भी आँवला का मुरब्बा शीतल और तर होता है। और नेत्रों के लिए हितकारी, रक्तशोधक, दाहशामक तथा ह्रदय, मस्तिक, यकृत
आंते, आमाशय को शक्ति प्रदान करने वाला होता है। इसके सेवन से स्मरणशक्ति तेज होती है। मानसिक एकाग्रता बढ़ती है। मानसिक दुर्बलता के कारण चक्कर आनेकी शिकायत दूर होती है। सवेरे उठते ही सिर दर्द चालू हो जाता है और चक्कर भी आते हो तो भी इससे लाभ होता है। आजकल शुध चाँदी के वर्क आसानी से नहीं मिलते अत: नकली चाँदी के वर्क का इस्तेमाल न करना ही अच्छा है। चाय-बिस्कुट की जगह इसका नाश्ता लेने से न केवल पेट ही साफ रहेगा बल्कि शारीरिक शक्ति, स्फूर्ति, एंव कांति में भी वृधि होती। निम्न विधि से निर्मित आँवला मुरब्बा को यदि गर्भवती स्त्री सेवन करें तो स्व्यं भे स्वस्थ रहेगी और उसकी संतान भे स्वस्थ होगी। आँवले के मुरब्बे के सेवन से रंग भी निखरता है।

स्मरण शकित की कमजोरी (Weak Memory)

सात दाने बादाम गिरी सायंकाल किसी कांच के बर्तन में जल में भिगो दें।
प्रात: उनका लाल छिलका उतारकर बारीक पीस लें। यदि आँखें कमजोर हो तो साथ ही चार काली मिर्च पीस लें। इसे उबलते हुए 250 ग्राम दुध में मिलाएँ। जब तीन ऊफान आ जायें तो नीचे उतारकर एक चम्मच देशी घी और दो चम्मच बूरा (या चीनी) डाल कर ठंडा करें। पीने लायक गर्म रह जाने पर इसे आवश्यकतानुसार पन्द्रह दिन से चालीस दिन से चालीस दिन तक लें। यह दुध मस्तिक और स्मरण शकित की कमजोरी दूर करने के लिए अति उत्तम होने के साथ वीर्य बलवर्धक है।

विशेष-
(1) यह बादाम का दुध सर्दियों में विशेष लाभप्रद है और दिमागी मेहनत करने वाले एंव विधार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी है। प्रात: खाली पेट इस दुध को लेने के बाद दो घंटे तक कुछ न खायें पीएँ।
(2) उपरोक्त बादाम का दुध तीन चार दिन पीने से आधे सिर के दर्द में आराम होत है।
(3) बादाम को चन्दन की तरह रगडने के समान बारीकतम पीसना या खूब चबाकर मलाई की तरह कोमल बनाकर सेवन करना आवश्यक है। इससे बादाम आसानी से हजम हो जाने पर पूरा लाभ मिलता है और कम बादाम से भी अधिक लाभ प्राप्त किय जा सकता है।