सात दाने बादाम गिरी सायंकाल किसी कांच के बर्तन में जल में भिगो दें।
प्रात: उनका लाल छिलका उतारकर बारीक पीस लें। यदि आँखें कमजोर हो तो साथ ही चार काली मिर्च पीस लें। इसे उबलते हुए 250 ग्राम दुध में मिलाएँ। जब तीन ऊफान आ जायें तो नीचे उतारकर एक चम्मच देशी घी और दो चम्मच बूरा (या चीनी) डाल कर ठंडा करें। पीने लायक गर्म रह जाने पर इसे आवश्यकतानुसार पन्द्रह दिन से चालीस दिन से चालीस दिन तक लें। यह दुध मस्तिक और स्मरण शकित की कमजोरी दूर करने के लिए अति उत्तम होने के साथ वीर्य बलवर्धक है।
विशेष-
(1) यह बादाम का दुध सर्दियों में विशेष लाभप्रद है और दिमागी मेहनत करने वाले एंव विधार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी है। प्रात: खाली पेट इस दुध को लेने के बाद दो घंटे तक कुछ न खायें पीएँ।
(2) उपरोक्त बादाम का दुध तीन चार दिन पीने से आधे सिर के दर्द में आराम होत है।
(3) बादाम को चन्दन की तरह रगडने के समान बारीकतम पीसना या खूब चबाकर मलाई की तरह कोमल बनाकर सेवन करना आवश्यक है। इससे बादाम आसानी से हजम हो जाने पर पूरा लाभ मिलता है और कम बादाम से भी अधिक लाभ प्राप्त किय जा सकता है।
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