इमली के बीज की गिरी को पत्थर पर चन्दन की तरह घिसकर गुहेरी (फुंसी) पर लेप करने से तत्काल ठंडक पड़ जाती हैं और कुछ ही घंटों में रोग का नामोनिशान तक नहीं रहता। इससे न केवल रोग बिल्कुल नष्ट हो जाता हैं बल्कि भविष्य में पुन: नहीं होता।
विशेष -
(1) इमली के बीज को प्रयोग में लाने से पहले तीन दिन पानी में भिगोकर छिलका उतारकर रख लेना चाहिए।
(2) बिच्छू के काटने पर छिलका उतार कर एक बीज का सफेद भाग पानी में घिसकर दंश स्थान पर लगा दें। लगाते ही बीज चिपक जायेगा और जहर चूसकर ही उतेरगा।
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2 comments:
bahut badhiya janakari dene ke liye dhanyawaad.
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