Saturday, August 9, 2008

मोतियाबिंद्

प्याज (सफेद) का रस दस ग्राम, असली शहद दस ग्राम ( छोटी मधु मक्खियों का पतला शहद ) भीमसेनी कपूर दो ग्राम तीनो को अच्छी तरह मिलाकर शीशी में भरलें,रात को सोने से पहले कांच की सलाई द्वारा आँखें में लगाने से उतरता हुआ मोतियाबिंद रूक जाता है ।
यदि भीमसेनी कपूर न मिले तो शहद और प्याज के रस से ही काम चलाया जा सकता है ।

विशेष -मोतियाबिंद की प्रारभ्भिक अवस्था में केवल शुध्द शहद प्रतिदिन प्रात: एक बूंद नेत्रो में डालने से से निश्चित रूप से लाभ होगा । इससे काले मोतियाबिंद से भी बचाव होगा क्योंकि शहद से आँखों की पारदर्शिता बढ़्ती है और नेत्रों का तनाव कम होता है ।

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