गुठली अलग किए हुए, सूखे आँवलो को कूट-छानकर चूर्ण बना लें। इस आवँला चूर्ण (एक भाग) और पिसी हुई मिश्री या देशी खाँड (दो भाग) मिलाकर सुरक्षित रख लें। इसे रोजाना रात्रि को सोने से आधा घंटे पहले को चम्मच की मात्रा से पानी के साथ लें। लगातार दो सप्ताह तक इसका सेवन करने से स्वप्न दोष प्राय: आराम हो जाता है। जिन्हें स्वप्न दोष न भी हो उनके लिए भी हितकर है। इससे वीर्यविकार जैसे वीर्य का पतला होना, शीघ्रपतन आदि दूर होने के अतिरिक्त रक्त शुध्द होता है। पांडु रोग (शरीर का पीलापन) कब्ज और सिरदर्द में लाभ होता है। नेत्रों पर भी हितकारी प्रभाव पड़्ता है। वीर्यनाश से कमजोर शरीर में वीर्यवृध्दि होकर नयी ताकत आती है और वीर्यरक्षण होता है।
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1 comment:
Amla ka sevan raat me khana kha kar karna hai ya phele,kya iska sevan karne se night fall ruck ja ye ga
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