Tuesday, August 26, 2008

कायाकल्प के समान नवजीवन प्रदाता योग

हरे आँवला को कुचलकर उसका रस निकाल लें। तत्पश्चात 15ग्राम हरे आँवला के रस में 15ग्राम शहद मिलाकर प्रात: व्यायाम के बाद पी लें। आँवलों के मौसम में निरंतर डेढ़- दो मास लेंते रहने से काया पलट हो जाती है और इससे सभी रोगों से बचे रहते है।

विशेष - इसके सेवन से वीर्य विकार नष्ट होते हैं। प्रमेह और मूत्र गड़्बड़ी ठीक हो जाती है पेशाब में धातु जाने का रोग अच्छा होता है । वीर्य पुष्टि और वीर्य विकार नष्ट होते हैं । इससे आमाशय को बल मिलता है और शरीर में नए रक्त का निर्माण होता है । सेवन काल में ब्रह्मचर्य पालन करें।

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