दस्त - ईसब्गोल की भूसी 5 से 10 ग्राम 125 ग्राम दही में घोलकर सुबह शाम खिलाने से दस्त बन्द हो जाते हैं । ईसबगोल की भूसी मल को गाढा करती है और आंतों का कष्ट दूर करती है। ईसबगोल की भूसी लसीलेपन का गुण मरोड़ और पेचिश रोगों को दूर करने में सहायक होता हैं।
विशेष - अतिसार के रोगी को पूर्ण विश्राम आवश्यक हैं।
रोगी को दो दिन कोई ठोस वस्तु नहीं दी जानी चाहिए बल्कि छाछ या मट्ठा दिन में दो-तीन बार दिया जा सकता हैं। यदि रोगी से खाना खाये बिना रहा नहीं जाये तो चावल- दही देना चाहिए। ज्वर होने पर चावल-दही न दें। छिलके वाली मूँग की दाल व चावल की खिचड़ी दी जा सकती हैं।
पतले दस्त - आधा कम उबलता हुआ गर्म पानी लें, इसमें एक चम्मच अदरक का रस मिलायें और जितना गरम पी सके, उतना गर्म पी लें । इस तरह एक एक घंटे में एक एक खुराक लेते रहने से पानी की तरह हो रहे पतले दस्त बन्द हो जाते हैं। अनुभूत है।
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